जीरा में माहौल तनावपूर्ण: हाइवे जाम करने के प्रयास में प्रदर्शनकारी अरेस्ट

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पंजाब में फिरोजपुर के जीरा स्थित शराब फैक्ट्री के बाहर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर धरना खत्म कराने की कार्रवाई शुरू की। इससे भड़की भीड़ और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। गुस्साए प्रदर्शनकारी अमृतसर-बठिंडा, नेशनल हाईवे-54 जाम करने आगे बढ़े। इस पर पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट कर लिया। जबकि महिला प्रदर्शनकारियों समेत अन्य कई हिरासत में लिए गए हैं। पुलिस ने मुख्य धरना स्थल से 1 किमी. दूरी पर बैठे धरनारत किसानों को वहां से खदेड़ने के बाद लगाए गए टैंट उखाड़ दिए हैं।

SSP कंवरदीप कौर ने कानून के अनुसार कार्रवाई किए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पुलिस की गाड़ियां रोकने वालों को अरेस्ट किया गया है। धरना खत्म कराने के लिए 2 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा फैक्ट्री से तीन सौ मीटर दूर धरना देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में बताया। SSP ने कहा कि फैक्ट्री के गेट पर श्री अखंड पाठ साहिब के पाठ के बाद भोग डाला जा रहा है। इस कारण पुलिस मौके पर कुछ देर के लिए कार्रवाई रोक कर इंतजार में है। पुलिस द्वारा इसके बाद मुख्य धरना स्थल खाली कराए जाने पर विचार किया जाएगा।

रात भर लाइट बंद रखी फिर सुबह एक्शन
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने के लिए 17 दिसंबर की पूरी रात लाइट बंद रखी। ताकि मौका मिलने पर लोगों को हिरासत में लिया जा सके। प्रदर्शनकारी महिलाओं समेत सभी गांव वासी प्रदर्शनकारी पुलिस कार्रवाई का जमकर विरोध कर रहे हैं। पुलिस द्वारा लोगों को हिरासत में लिए जाने पर प्रदर्शनकारियों ने बठिंडा-अमृतसर नेशनल हाईवे-54 जाम करने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इससे पहले पुलिस द्वारा लोगों को मौके से खदेड़ा गया। प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच हाथापाई और धक्का-मुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारी स्पष्ट तौर पर शराब फैक्ट्री नहीं चलने देने की बात कह रहे हैं।

करीब 150 प्रदर्शनकारी पुलिस हिरासत में
पुलिस द्वारा करीब 150 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। साथ ही जगसीर सरां, बलराज और फतेह सिंह को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने फैक्ट्री को जाने वाले रास्ते को भी क्लियर कराने समेत वहां लगाए गए टेंट और नाके भी हटा दिए हैं। अब पुलिस टीम मंसूरबाला में लगाए गए धरने काे भी खत्म करने को आगे बढ़ेगी। लेकिन आसपास के गांवों के लोग भी घरों से निकल कर मौके पर पहुंच रहे हैं। लोगों और पुलिस के बीच बातचीत भी की जा रही है। पुलिस ने 3 दिन पहले ही दंगा रोका गाड़ी, पुलिसकर्मियों की सेफ गार्ड शील्ड, मेडिकल टीम, रिजर्व पुलिस बल, जेसीबी और अन्य गाड़ियां मौके पर खड़ी कर ली गई थी। कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा भी किसान नेताओं को समझाने बुझाने का प्रयास किया गया। लेकिन राज्य सरकार और किसानों के बीच सहमति नहीं बनने पर आज सख्त कार्रवाई की गई

वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई
पुलिस द्वारा मौके की वीडियो/फोटोग्राफी भी कराई गई है। क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार और पुलिस द्वारा यह कार्रवाई की गई है। प्रदर्शनकारियों द्वारा बनाए गए स्थायी शैड क्रेन से हटाए गए हैं, ताकि रास्ता पूरी तरह साफ हो सके। धरनारत लोगों द्वारा फैक्ट्री गेट के पास श्री अखंड पाठ रखा गया और आज भोग भी डाला जा रहा है। लेकिन पुलिस वहां धरना उठाने के लिए मुस्तैद है। अलग-अलग जगहों से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी भी खेतों से और अन्य रास्तों से यहां पहुंचने के प्रयास में हैं।

हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाया 20 करोड़ा जुर्माना
मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के राज्य सरकार को 20 करोड़ रुपए जुर्माना लगाने के साथ धरना उठवाने के आदेश जारी किए हैं। इसके बाद से राज्य सरकार और पुलिस बल शराब फैक्ट्री के सामने लगाए गए धरने का उठाने के प्रयासों में जुटे हैं, लेकिन आसपास के करीब 40 गांव के लोगों समेत विभिन्न किसान संगठनों ने पुलिस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया है। प्रदर्शनकारी सरकार को स्पष्ट कर चुके हैं कि फैक्ट्री के बंद होने तक प्रदर्शन बंद नहीं किया जाएगा।

CM ने 5 कमेटी की हैं गठित
CM भगवंत मान द्वारा 16 दिसंबर को सभी समस्याओं के हल के लिए 5 कमेटियां गठित की गई हैं। इस जानकारी को कृषि मंत्री ने भी धरने पर बैठे लोगों से साझा किया है, लेकिन कृषि मंत्री की बातों और दावों के बावजूद प्रदर्शनकारी धरना खत्म करने पर राजी नहीं हैं। किसान नेता शराब फैक्ट्री को गलत तरीके से स्थापित करने की बात कह चुके हैं। लोग शराब फैक्ट्री के कारण अनेक प्रकार की बीमारी और फसल को नुकसान पहुंचने समेत पीने का पानी जहरीला होने की बात कह रहे हैं।

धरने पर बैठे किसानों की डिमांड
किसानों ने 16 दिसंबर को पुलिस द्वारा पकड़े गए लोगों को छोड़ने, पंच-सरपंचों के कैंसिल लाइसेंस बहाल करने की मांग की है। इलाके में जारी अवैध माइनिंग बंद कराने की मांग भी की है। कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल स्वयं मान चुके हैं कि शराब फैक्ट्री स्थापित करने के समय जिन लोगों को गारंटर बनाया गया, वे स्थानीय न होकर अन्य जिलों से लाए गए व्यक्ति थे। इसकी जांच कर झूठ बोलने और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही। 40 गांवों के लोग प्रभावित जीरा स्थित शराब फैक्ट्री के आसपास के सभी 40 गांव के लोगों समेत स्थानीय बाशिंदे पुलिस-प्रशासन की बात मानने को तैयार नहीं है। एक किसान नेता ने कहा कि कार्रवाई करने वाले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के परिवार यहां आकर रहें। उनके खान-पान का बंदोबस्त स्थानीय लोगों द्वारा किया जाएगा। यदि वे इस पानी को महीने भर तक पी लेंगे तो किसान भी अपना धरना खत्म कर लेंगे।

फैक्ट्री संचालक पहुंचा था हाईकोर्ट
गौरतलब है कि फैक्ट्री संचालकों ने किसानों के धरने से हो रहे नुकसान के कारण पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को 15 करोड़ रुपए की अदायगी के आदेश दिए। साथ ही धरना खत्म करने के आदेश भी दिए गए थे।

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