पूर्व मंत्री आशू के पीए ने किया सरेंडर

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पूर्व कांग्रेसी मंत्री भारत भूषण आशू के पीए पंकज मीनू मल्होत्रा ने विजीलैंस के सामने सरेंडर कर दिया है। पंजाब के बहुचर्चित ट्रांसपोर्ट टेंडर घोटाले में आशू के करीबी पंकज मीनू मल्होत्रा की मुख्य भूमिका रही है। उसे आम आदमी पार्टी के नेता कपिल कुमार सोनू अपने साथ लेकर विजिलेंस ऑफिस पहुंचे। मीनू करीब 5 महीने से फरार चल रहा था।
विजिलेंस जांच के अनुसार, भारत भूषण आशू के PA मीनू मल्होत्रा की इस घोटाले में सबसे अहम भूमिका रही। टेंडर के लिए ट्रेडर्स को ढूंढने से लेकर रेट तय करने तक का सारा काम मीनू ही करता था। डील फाइनल हो जाने के बाद पैसों का लेन-देन भी मीनू ही करता।

अफसरों-नेताओं को हिस्सा पहुंचाने का काम भी मीनू का

अफसरों से नेताओं तक हिस्सा पहुंचाने का काम भी मीनू का था। जवाहर नगर कैंप में आधी जिंदगी गुजारने वाला मीनू कुछ महीनों से न्यू मॉडल टाउन में कोठी बनवा रहा था। इस कोठी का रिकॉर्ड विजिलेंस चेक करवा रही है। हालांकि पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेतागण ये कह चुके हैं कि मीनू मल्होत्रा आशू का पीए है ही नहीं।

आरोपी-मुख्य आरोपियों ने बनाई करोड़ों की जायदाद

विजिलेंस जांच के दौरान पता चला कि गेहूं की लोडिंग-अनलोडिंग से जुड़े इस टेंडर घोटाले के मुख्य आरोपी तेलूराम ने कुछ समय पहले ही तकरीबन 20 एकड़ ज़मीन खरीदी। मीनू मल्होत्रा ने भी कई प्रॉपर्टी बनाई। इससे जुड़ा रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। राकेश कुमार सिंगला की तैनाती और उनकी प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी इकट्‌ठे किए जा रहे हैं।

ट्रक की जगह कार-बाइक के नंबर
विजिलेंस ब्यूरो की अब तक की जांच के अनुसार, तेलूराम ने तकरीबन 25 करोड़ रुपए हासिल किए। टेंडर लेने के लिए जमा की गई गाड़ियों की लिस्ट में कार, स्कूटर-बाइक आदि के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए गए। जिला टेंडर कमेटी को गेहूं की ढुलाई करने वाली गाड़ियों की लिस्ट की पड़ताल करनी थी, मगर कमेटी के मेंबरों ने भी मिलीभगत कर टेंडर अलॉट कर दिए।

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