सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह 16 दिनों के बाद विदेश से वापस लौट आए हैं। वापस लौटते ही सबसे पहले वह बेटे सिद्धू मूसेवाला की मजार पर गए। जिसके बाद हवेली में फैंस के साथ अपना दुख सांझा किया। सिद्धू मूसेवाला के पिता ने गैंगस्टरों के नाबालिगों को बहला फुसलाकर गलत काम करवाने पर चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि पुलिस नाबालिगों से पूछताछ नहीं कर सकती, चाहे वे उनके घर पर ही बम फेंक आएं। भारत के नियम ही ऐसे हैं। सरकारें, जिन्हें नियम बनाने के लिए चुन कर भेजा, वे सभी भी चुप हैं।
बलकौर सिंह ने नाबालिगों के गैर-कानूनी कामों में जुड़ने और पंजाब में नशे को लेकर चिंता जताई और AAP सरकार को नए नियम बनाने की बात कही। सिद्धू मूसेवाला के पिता ने फैंस से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि वह उनके लिए तय समय से 4 दिन पहले विदेश से लौटे हैं। फैंस के कारण ही उनका दर्द बंटा है और वह चाहते थे कि जल्द लौट सभी से मिला जाए। गौरतलब है कि 22 दिसंबर को सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह विदेश यात्रा पर गए थे। यह पहला मौका था जब वह अकेले विदेश गए थे, जबकि मां चरण कौर घर पर थी। नए साल पर रविवार को चरण कौर ने ही सिद्धू मूसेवाला के फैंस के साथ मुलाकात की थी।
लॉरेंस ने वॉयस सेंपल देने से किया इनकार
उन्होंने कहा कि हमारा कानून इस जुर्म के लिए नाकाफी है। रोज कत्ल हो रहे हैं। दो दिन पहले जगराओं में कत्ल हुआ, लेकिन हुआ क्या? कुछ भी नहीं। आसानी से यह गैंगस्टर कत्ल करके निकल जाते हैं। जग्गू व लॉरेंस पर 100 केस हैं, लेकिन आज तक उन्हें एक भी मामले में सजा नहीं हुई और न होगी।
पंजाब के हालातों को देख NRI भी चिंतित
बलकौर सिंह ने इस दौरान विदेश में बसे NRI की पंजाब के हालातों पर चिंता को भी बयान किया। उन्होंने कहा कि NRI भी पंजाब के हालातों को देख हैरान है। वह जानना चाहते हैं कि पंजाब में हो क्या रहा है।
नशे और गैंगस्टरवाद पर नकेल कसे सरकार
पंजाब में बिक रहे नशे को लेकर बलकौर सिंह ने इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा। उनका कहना था कि पंजाब में तकरीबन साढ़े 12 हजार गांव है। अगर 5 ग्राम भी हेरोइन एक गांव में लगती है तो पूरे पंजाब के लिए ढाई क्विंटल हेरोइन चाहिए। इतना नशा रोज बॉर्डर पार से नहीं आ सकता। अगर यह नशा दिल्ली में भी बन रहा है तो वहां भी AAP की ही सरकार है। अगर पंजाब में बन रहा है तो भी यहां भी AAP की ही सरकार है। इसलिए इन हालातों के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार जिम्मेवार है।