देश में पहली बार, केरल के एक विश्वविद्यालय ने अपने यहां अध्ययनरत छात्राओं के लिए मासिक धर्म यानी माहवारी का अवकाश (Menstrual Leave) देने की घोषणा की है। दरअसल, कोचिन विश्वविद्यालय ने छात्राओं को मासिक धर्म की छुट्टी देने का फैसला किया है। कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CUSAT) ने विश्वविद्यालय के छात्र संघ से मिले प्रतिनिधित्व के बाद यह निर्णय किया है। विश्वविद्यालय की ओर से 11 जनवरी, 2023 को जारी अवकाश संबंधी आदेश में कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने प्रत्येक सेमेस्टर में छात्राओं की उपस्थिति में कमी को लेकर दो प्रतिशत अतिरिक्त छूट देने का फैसला किया है।
अनिवार्य उपस्थिति में दो फीसदी की छूट मिलेगी
नियमानुसार, कोचिन विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक सेमेस्टर में 75 प्रतिशत उपस्थिति का मानंदड परीक्षा में शामिल होने की योग्यता के लिए अनिवार्य है। वहीं, अक्सर छात्राएं मासिक धर्म यानी पीरियड टाइम के शुरुआती तीन दिन घर से बाहर जाने बचती हैं और ऐसे में उनकी हर महीने तीन दिन की अतिरिक्त छुट्टी हो जाती है।
इससे वर्ष के अंत में लड़कों के अपेक्षा कई लड़कियों की उपस्थिति अनिवार्यता नियम से कम रह जाती है। इसलिए, विश्वविद्यालय ने छात्राओं को मासिक धर्म अवकाश के साथ उपस्थिति की कमी को दो प्रतिशत की छूट देते हुए अनिवार्य उपस्थिति को घटाकर 73 प्रतिशत किए जाने का फैसला किया है।
वीसी और सिंडीकेट ने की रेकेमेंडेशन
कोचिन विश्वविद्यालय में सिंडीकेट की सदस्य डॉ. पूर्णिमा नारायणन ने कहा कि विश्वविद्यालय ने छात्र संघ की ओर से दी गई एक याचिका पर कुलपति और विश्वविद्यालय सिंडीकेट की ओर से इसकी recommendation कर दी गई है। यह महिला छात्रों के प्रति विश्वविद्यालय की ओर से उठाया गया बहुत ही आवश्यक कदम और अनुसरण योग्य पहल है। उन्होंने कहा कि भविष्य में, अकादमिक दुनिया को किशोर छात्राओं के लिए मासिक धर्म की छुट्टी शुरू करने के बारे में सोचना होगा।