धोखाधड़ीः ICICI बैंक की पूर्व एमडी-सीईओ चंदा कोचर व पति गिरफ्तार

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कर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया है। दरअसल चंदा पर बैंक की नीति और नियमों के खिलाफ करोड़ों रुपए का कर्ज देने का आरोप है।

बता दें कि आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन के शेयरधारक अरविंद गुप्ता ने वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और चंदा कोचर पर एक-दूसरे का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को पत्र लिखा है। इसमें दावा किया गया है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था और इसके बदले में धूत ने अपना पैसा चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी 'न्यूपावर' में निवेश किया था। आरोपों के बाद, चंदा (59) ने अक्टूबर 2018 में आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया। दरअसल वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध थे। इसी वजह से वीडियोकॉन ग्रुप की मदद से बनी कंपनी का नाम दीपक कोचर के पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट के नाम पर रखा गया। वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की कंपनी के जरिए बड़ी रकम की ठगी की है।

क्या क्या और कब-कब हुआ 

दिसंबर 2008: चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ वीडियोकॉन के एमडी वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया। इसमें कोचर परिवार और धूत की 50-50 हिस्सेदारी थी। दीपक कोचर को इस कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया था। जनवरी 2009 में धूत ने न्यूपावर के निदेशक पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने अपने 24,999 शेयर न्यूपावर को 2.5 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिए। मार्च 2010 में आरोप है कि धूत ने अपने समूह की कंपनी सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए न्यूपावर कंपनी को 64 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। नवंबर 2010 में धूत ने कोचर की न्यूपॉवर कंपनी को कर्ज देने वाली सुप्रीम एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी महेशचंद्र पुंगलिया को सौंप दी। अप्रैल 2012 में रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियोकॉन ग्रुप की पांच कंपनियों को अप्रैल 2012 में 3250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया। समूह इस कर्ज का 86 फीसदी यानी 2810 करोड़ रुपए चुकाने में चूक गया। इसके बाद 2017 में लोन को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) घोषित कर दिया गया।

3 साल पहले 78 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की 

ईडी ने 3 साल पहले चंदा कोचर की 78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। इनमें उनका मुंबई स्थित घर और उनसे जुड़ी कंपनियों की संपत्तियां शामिल हैं। ईडी के अधिकारियों ने कहा था कि कोचर के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई के लिए वारंट जारी किया गया था। तदनुसार, कोचर के मुंबई स्थित फ्लैट और उनके परिवार से संबंधित एक कंपनी की संपत्तियों को जांच एजेंसी ने कुर्क किया था।

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