शराबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब ने कहर मचाया है। सीवान जिले में पिछले 24 घंटों में जहरीली शराब पीने से 5 की मौत हो गई है। 10 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर है। इनमें 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। ऐसा कहा जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
ये सारे मामले जिले के लकड़ी नवीगंज ओपी थाना क्षेत्र के बाला और भोपतपुर गांव के हैं। रविवार शाम को अचानक एक-एक करके मरीज सदर अस्पताल आने लगे। देर शाम अस्पताल पहुंचते वक्त एक व्यक्ति की मौत हो गई। रात में दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। सोमवार सुबह 2 लोगों की जान चली गई। सोशल मीडिया और गांव के लोगों का कहना है कि मरने की संख्या 8 से ज्यादा है। बता दें कि 41 दिन पहले छपरा में 70 से ज्यादा मौतों हो गई थी।
12 लोगों को पटना रेफर किया गया
जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की हालत गंभीर है। सीवान में 2 लोगों का इलाज चल रहा है। बाकी 12 लोगों पटना रेफर किया गया है। 3 लोग इलाज के लिए गोरखपुर गए हैं। 9 लोग पटना के लिए रवाना हो गए हैं। शराब पीने से गंभीर लोगों में बाला गांव के रहने वाले जितेंद्र मांझी (18), पिता- लालू मांझी की हालत नाजुक है। उन्हें सीवान सदर अस्पताल से पटना रेफर किया गया है।
प्रशासन ने कुछ भी कहने से इनकार किया
स्थानीय लोगों ने जहरीली शराब पीने की बात कही है। प्रशासन ने अभी कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। परिवार वालों को मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी गई है। पूरे गांव में अफरातफरी का माहौल है।
इतने लोगों की मौत क्यों हो रही है, जांच का विषय है- कलेक्टर
एक निजी अखबार के मुताबिक, कलेक्टर अमित कुमार पांडे का कहना है कि अभी कुछ नहीं कह सकते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। आखिर इतने लोगों की मौत क्यों हो रही है और तबीयत क्यों खराब है, यह जांच का विषय है। घटना के बाद सीवान सदर अस्पताल और बाला और भोतपुर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। मृतक के परिजन से बात करने पर रोक लगा दी गई है। परिजन कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
सीवान के डीएम अमित कुमार पांडेय ने बताया कि लकड़ी नबीगंज में 3 लोगों की मौत हुई है। 7 लोगों का इलाज जारी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारण का पता चल पाएगा। मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
शराब पीकर आए थे, तबीयत बिगड़ी और आंखों की रोशनी चली गई- मृतक की पत्नी
निजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक धुरेधर मांझी की पत्नी सोहेला देवी ने बताया कि उनके पति रविवार की रात शराब पीकर घर लौटे थे। इसी दौरान उनकी तबियत खराब होने लगी। आंखें लाल होने लगी। उनको दिखाई नहीं दे रहा था। इसके बाद परिजन उन्हें लकड़ी नबीगंज अस्पताल ले गए।
वहां से उन्हें सीवान अस्पताल भेज दिया गया। जिसके बाद देर रात करीब 12 बजे पटना ले जाने के दौरान अमनौर में उनकी मौत हो गई है। धुरेधर के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। जिनमें दो बेटी अनिशा (8), निभा कुमारी (12) और एक 5 साल का बेटा अंकुश कुमार है। पिता की मौत के बाद बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय सीओ अजीत ठाकुर ने मृतक घुरेधर मांझी की पत्नी को 1500 रुपए की आर्थिक मदद दी। जिसके बाद शव के अंतिम संस्कार की क्रिया शुरू हुई।