सर्दी का मौसम पीक पर आने से हरिके वेटलैंड में प्रवासी परिंदें अठखेलियां करते नजर आ रहे हैं, जिन्हें देखने के लिए सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के कारण साइबेरियन, यूरेशियन कबूतर, ब्लैक हैडिड, बार हैडिड गीज, ग्रेलेग्रीज, रुडी शैल डक, कोमनशैल डक, डकस, स्पून बिल्ज, ओपन बिल स्टोरर, पर्पल हैरीन, ग्रे हैरीन, सावलकर, पिंटेल, गढ़वाल, विजन, रिवन टरन, ब्लैक कूट, स्टोरिक, ग्रेट ईग्रेट, रिवर्टन, कस्टड पोरड, कोमन पोचड़, टफटफ पोचड़ समेत 150 से 160 प्रजातियों के सैंकड़ों पक्षी झील तो कभी ब्यास किनारे धूप सेंकते देखे जा सकते हैं। वहीं, हरिके में रोजाना 100, जबकि हर शनिवार-रविवार को करीब 500 सैलानी पहुंच रहे हैं, जो दूरबीन के जरिए परिंदों का नजारा देखकर लुत्फ उठा रहे हैं।
यूरोप, साइबेरिया, रूस से पहुंचे हैं पक्षी
वन्य सुरक्षा विभाग के रेंज अफसर कमलजीत सिंह ने बताया कि प्रवासी पक्षी यूरोप, साइबेरिया, कजाकिस्तान, रूस आदि कई देशों से भोजन की तलाश में हरिके झील पहुंचते हैं और मार्च अंत में वापस चले जाते हैं। इन दिनों में उक्त देशों में बर्फबारी, ठंड ज्यादा होने के चलते पक्षी अपना स्थान छोड़कर भारत का रूख करते हैं। पक्षियों की गिनती 21-22 जनवरी को होगी। इसके अलावा परिंदों की हिफाजत के लिए टीमों का गठन किया जा चुका हैं जोकि बर्ड सेंक्चुरी में गश्त करती हैं।