प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां हीरा बा का अंतिम संस्कार करने के दो घंटे बाद ही काम पर लौट आए हैं। सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर अहमदाबाद में उन्होंने मां को मुखाग्नि दी थी। इसके बाद वे अहमदाबाद से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बंगाल में आयोजित कार्यक्रम में जुड़े। उन्होंने हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई। बता दें कि बंगाल में मोदी आज 7,800 करोड़ रुपए से ज्यादा के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स की शुरुआत कर रहे हैं।। इनमें कोलकाता मेट्रो की पर्पल लाइन के जोका-तारातला फेज का उद्घाटन और राज्य की 4 रेल परियोजनाएं शामिल हैं
प्रधानमंत्री जी, आज का दिन आपके लिए दुखभरा है
कार्यक्रम में शामिल हुईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से कहा- माननीय प्रधानमंत्री जी, आज का दिन आपके लिए दुखभरा है। आपको बड़ी क्षति हुई है। ईश्वर आपको इस दुख को सहने की शक्ति दें। मैं आपकी आभारी हूं कि आपको यहां आना था लेकिन अपनी माताजी के निधन के चलते आप नहीं आ पाए। फिर भी आप वर्चुअल तरीके से इस कार्यक्रम से जुड़े।
न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के रीडेवलपमेंट की शुरुआत करेंगे
मोदी बंगाल में नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के सबसे बड़े स्टेशनों में से एक न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के रीडेवलपमेंट की शुरुआत भी करेंगे। यहां 334.72 करोड़ रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह काम 2025 तक पूरा किया जाना है।
स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 7 सीवरेज प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन
प्रधानमंत्री 990 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सात सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन प्रोजेक्ट्स से पश्चिम बंगाल में 200 MLD से ज्यादा की सीवेज ट्रीटमेंट कैपेसिटी को बढ़ाएगी। इसके साथ ही 1585 करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के तहत विकसित किए जाने वाली 5 सीवरेज प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखी जानी है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी-राष्ट्रीय जल और स्वच्छता संस्थान (DSPM – NIWAS) का उद्घाटन होगा, जिसे लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से कोलकाता के डायमंड हार्बर रोड के जोका में विकसित किया गया है।
बैठक में शामिल होंगे 5 राज्यों के मुख्यमंत्री
बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, अन्य केंद्रीय मंत्री जो परिषद के सदस्य हैं और उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इस दौरान गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को कम करने और उनके कायाकल्प के देखरेख के लिए राष्ट्रीय गंगा परिषद को जिम्मेदारी दी गई है।