भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी से मुलाकात की। यहां दोनों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में मिस्र के राष्ट्रपति सिसी के साथ आए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया, जिसमें 5 मंत्री और सीनियर अधिकारी शामिल हैं।
बैठक के बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मिस्र विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं मे से हैं। हमारे बीच कई हजारों सालों का रिश्ता रहा है। 4 हजार साल से भी पहले गुजरात के लोथल पोर्ट के जरिए भारत-मिस्र के साथ व्यापार होता था। दोनों देश आतंकवाद को लेकर चिंतित है। यह मानवता के लिए बड़ा खतरा है।
पीएम ने बताया कि भारत ने इस साल अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान मिस्र को गेस्ट देश के रूप आमंत्रित किया है। यह हमारी खास दोस्ती को दिखाता है। बैठक में दोनों देशों ने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मजबूत करने और काउंटर टेररिज्म से जुड़ी सूचना और इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। बैठक में दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। मिस्र के राष्ट्रपति इस साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के चीफ गेस्ट हैं।

सुबह 10 बजे राजभवन पहुंचे मिस्र के राष्ट्रपति
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी आज सुबह 10 बजे राजभवन पहुंचे। यहां पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने अल-सिसी को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। अब्देल फतह अल-सिसी ने कहा कि भारत के 74 वें गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बनना मेरे लिए महान सौभाग्य है।

बैठक से पहले अब्देल फतेह ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी।