जोशीमठ भू धंसाव मामले पर पीएमओ में हाई लेवल मीटिंग हो रही है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा करेंगे। इस बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य भी शामिल होंगे। इनके अलावा जोशीमठ जिला प्रशासन के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक से जुड़ेंगे।
जमीन में दरारें बढ़ती जा रही हैं
जोशीमठ की जमीन में दरारें बढ़ती जा रही हैं। आपता प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल ने स्थिति का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को भेज दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस रिपोर्ट में दरक रहे घरों को तोड़ने की सिफारिश की गई है। जोशीमठ के 25 फीसदी इलाके इस भू धंसाव से प्रभावित बताए जा रहे हैं। इमारतों और अन्य स्ट्रक्चर में नुकसान की तीव्रता का पता लगाने के लिए भी सर्वेक्षण चल रहा है।
सीएम धामी ने किया जोशीमठ का दौरा
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने हाल ही में जोशीमठ का दौरा किया था और वहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया था। लोगों का दर्द बांटने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे। लोग उनके सामने बिलखकर रोने लगे। महिलाओं ने उन्हें घेर लिया। वे बोलीं- हमारी आंखों के सामने ही हमारी दुनिया उजड़ रही है, इसे बचा लीजिए। हमें अपने घरों में रहने में डर लग रहा है।
इधर, चमोली जिला प्रशासन ने बताया- जोशीमठ के 9 वार्डों के 603 घरों में अब तक दरारें आई हैं। 66 परिवारों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। वहीं राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत रविवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे। ऐसी खबरें आ रही हैं कि सोमवार को आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी जोशीमठ का दौरा कर सकता है।

कर्णप्रयाग में 50 घरों में आई दरारें
जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या से लोग परेशान हैं, अब खबर आ रही हैं कि उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में भी करीब 50 घरों में दरारें आ गई है। कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में मौजूद घरों में यह दरारें आई हैं। इससे इलाके के लोग दहशत में हैं और उन्होंने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
प्रधानमंत्री ने फोन पर ली मामले की जानकारी
उधर, प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर इस मामले में जानकारी ली। धामी ने बताया कि पीएम ने कई तरह के प्रश्न पूछे जैसे कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, कितना नुकसान हुआ, लोगों के विस्थापन के लिए क्या किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
शंकराचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल की
ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल की है। उन्होंने कहा- पिछले एक साल से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक नगर जोशीमठ खतरे में हैं।
पुराने ग्लेशियर पर बसा जोशीमठ, खुदाई-ब्लास्टिंग से मलबे में बदल सकता है शहर
जोशीमठ के धंसने से करीब 5 हजार लोग दहशत में हैं। उन्हें डर है कि उनका घर कभी भी ढह सकता है। सबसे ज्यादा असर शहर के रविग्राम, गांधीनगर और सुनील वार्ड में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जोशीमठ के मकानों में दरार आने की शुरुआत 13 साल पहले हो गई थी।
हालात काबू से बाहर निकले तो NTPC पॉवर प्रोजेक्ट और चार धाम ऑल वेदर रोड का काम रोकने के आदेश दे दिए गए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्लास्टिंग और शहर के नीचे सुरंग बनाने की वजह से पहाड़ धंस रहे हैं। अगर इसे तुरंत नहीं रोका गया, तो शहर मलबे में बदल सकता है।