लद्दाख के समाज सुधारक सोनम वांगचुक (जिनके जीवन पर ‘3 इडियट्स’ फिल्म बनी) ने दावा किया है कि उन्हें उनके ही एक संस्थान में नजरबंद किया गया है। हालांकि, पुलिस ने वांगचुक के आरोपों को खारिज कर दिया। पुलिस का कहना है कि वांगचुक को सिर्फ माइनस 40 डिग्री तापमान में भूख हड़ताल करने से रोका गया।
हालांकि वांगचुक ने आज सुबह एक ट्वीट करके लोगों से भी एक दिन का अनशन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि लोग उनसे पूछ रहे हैं, वो किस तरह से उनका साथ दे सकते हैं। इसके लिए वो कल अनशन के 5वें और आखिरी दिन एक दिन का अनशन अपनी इच्छा से कर सकते हैं। ये ग्लेशियरों को बचाने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदम में साथ देना होगा।
वांगचुक ने लद्दाख में पिघल रहे ग्लेशियर सहित कई मुद्दों पर सरकार का ध्यान खींचने के लिए खार्दुंगला में 26 जनवरी से पांच दिन का अनशन शुरू करने वाले थे। प्रशासन ने इजाजत न मिलने के बाद उन्होंने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख के मैदान में भूख हड़ताल शुरू कर दी।
वांगचुक ने कहा- सरकार चाहती है कि मैं चुप रहूं
28 जनवरी की दोपहर 12 बजे उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि लद्दाख सरकार चाहती है कि मैं इस बांड पर साइन करूं। इसमें लिखा है कि मैं एक महीने तक कोई बयान न दूं या किसी सार्वजनिक बैठकों में हिस्सा न लूं। कृपया सलाह दें, यह कितना सही है? क्या मैं खुद को चुप रखूं? मुझे गिरफ्तारी से फर्क नहीं पड़ता।

SSP ने बताया प्रशासन ने अनशन की इजाजत नहीं दी थी
लेह की SSP पी. डी. नित्या ने बताया कि खारदुंग ला दर्रे पर तापमान माइनस 40 डिग्री सेल्सियस नीचे था। इसलिए प्रशासन ने वांगचुक को वहां पांच दिन की भूख हड़ताल करने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद भी वे खारदुंग ला दर्रे की ओर जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। वांगचुक ने विरोध किया तो पुलिस ने उन्हें कानूनी कार्रवाई के तहत उनके संस्थान में वापस छोड़ दिया।