दिल्ली विधानसभा में फिर से हंगामा:केजरीवाल बोले- LG ने जरूरी योजनाओं के पैसे रोके

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दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। कार्यवाही शुरू होने से पहले BJP विधायक ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंच गए। सदन में भाजपा और आप के विधायकों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। दूसरी तरफ आप विधायक LG के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

दिल्ली विधानसभा से LG दफ्तर तक मार्च
आप विधायक दिल्ली विधानसभा से LG दफ्तर तक मार्च कर रहे हैं। इस मार्च में केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं। केजरीवाल का कहना है कि LG ने योग कक्षाएं रोक दीं। टीचर्स को फिनलैंड जाने से रोक दिया। उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक के पैसे भी रोके। LG के पास स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं है।

केजरीवाल ने कहा कि 2018 में SC की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था कि LG के पास पुलिस-जमीन-पब्लिक ऑर्डर पर फैसला लेने का अधिकार है। दिल्ली सरकार जो भी मामले भेजेगी, उस पर LG को ना कहने का अधिकार नहीं है या तो वो हां करेंगे या मामला राष्ट्रपति को भेजेंगे, लेकिन LG संविधान को नहीं मानते हैं।

कार्यवाही 10 मिनट में स्थगित आज सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई। आप विधायकों ने LG सक्सेना के खिलाफ नारेबाजी की और वेल तक पहुंच गए। इस पर भाजपा ने भी सीएम केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बाद कार्यवाही 10 मिनट में स्थगित कर दी गई। इसके बाद दोबारा भाजपा विधायक तख्तियां उठाए वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। अब कार्यवाही मंगलवार को होगी।

BJP विधायक ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंचे
इससे पहले भाजपा के विधायक ऑक्सीजन मास्क पहनकर और ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर दिल्ली विधानसभा पहुंचे। इनका कहना है कि दिल्ली के लोग जहरीली हवा से मर रहे हैं और केजरीवाल कुछ नहीं कर रहे हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

18 जनवरी तक चलेगा शीतकालीन सत्र
शीतकालीन सत्र 18 जनवरी तक चलेगा। पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और आप के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इससे देखकर लग रहा है कि मौजूदा सत्र हंगामेदार हो सकता है। इस सत्र में प्रश्नकाल भी नहीं होगा।

इन मुद्दों पर चर्चा संभव
दिल्ली में सरकार की पावर को लेकर पिछले दिनों चुनी हुई सरकार और उपराज्यपाल के बीच खींचतान को देखते हुए माना जा रहा है कि सत्ता पक्ष के विधायक आज विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव ला सकते हैं। इस मामले पर चर्चा की संभावना है कि दिल्ली में विकास कार्यों के लिए अधिकारियों को आदेश देने का अधिकार निर्वाचित सरकार के पास ही रहे।

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