अजमेर दरगाह में उर्स के दौरान हंगामा:शांतिभंग के आरोप में एक व्यक्ति गिरफ्तार

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अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शनिवार देर रात मारपीट और हंगामे के बाद भगदड़ मच गई। सालाना उर्स में छठी की रात के आयोजन के दौरान यह हंगामा हुआ। पुलिस का कहना है कि नारेबाजी के चलते बरेलवी और खादिम आपस में भिड़ गए। पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया। शांतिभंग के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है।

फिलहाल दरगाह एरिया में माहौल शांतिपूर्ण है। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शनिवार रात 2 बजे के बाद शाहजहांनी मस्जिद में बैठे बरेलवियों के एक ग्रुप की ओर से नारेबाजी शुरू की गई। वहीं, दरगाह के खादिमों ने नारेबाजी का विरोध किया तो दोनों ग्रुप आपस में उलझ गए और मारपीट शुरू हो गई।

डर के कारण अफरा-तफरी
मारपीट होते देख वहां मौजूद हजारों जायरीनों के बीच अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। हालात ये हो गए कि भीड़ कंट्रोल करने के लिए लगाए गए वॉलंटियर्स भी मस्जिद की दीवार कूदकर भाग गए। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें खादिम मस्जिद में घुसते दिख रहे हैं।

लाल पगड़ी वाले की तलाश
दरगाह थाना प्रभारी अमर सिंह ने बताया कि नारेबाजी की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंच गए थे। दोनों पक्षों को समझाया गया। इस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई, घटना के वीडियो क्लिपिंग के आधार पर लाल पगड़ी वाले संदिग्ध की तलाश की जा रही है। एक युवक को शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया है। हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।

लंबे समय से चल रहा है विरोध
दरगाह से जुड़े जानकारों का कहना है कि खादिमों (दरगाह में जियारत कराने वाले) और बरेलवियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। दरअसल, बरेली के मुसलमानों को बरेलवी कहा जाता है। यह दरगाह में आकर अपने गुरु ताजू सरिया का गुणगान करते हैं। वे अपने गुरु की शान में ‘बस्ती-बस्ती करिया करिया… ताजू सरिया ताजू सरिया’ का नारा लगाते हैं।

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