बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए 300 मंदिर-घर टूटेंगे:SC तक पहुंचा मामला

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मथुरा के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर को लेकर हंगामा चल रहा है। कहा जा रहा है कि ये कॉरिडोर काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर होगा। मंदिर के आस-पास 5 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होना है। इसमें करीब 300 मंदिर और आवासीय भवन आ रहे हैं। 200 से ज्यादा इमारतों की सर्वे रिपोर्ट बनकर मार्किंग हो चुकी है।

अब जिनकी इमारतों पर मार्किंग हुई है, वहीं लोग सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कॉरिडोर का विरोध कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि वृंदावन के मूल स्वरूप से खिलवाड़ किया जा रहा है। विरोध में यहां 36 घंटे बाजार बंद रखा। लोगों ने सीएम योगी को खून से चिटि्ठयां लिखी हैं।

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला

इधर मामला हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है वहीं स्थानीय लोग गोस्वामी, व्यापारी, तीर्थ पुरोहित कॉरिडोर का सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं। यहां व्यापारियों ने जहां 36 घंटे का बंद रखा वहीं प्रस्तावित कॉरिडोर के नक्शे को जलाकर अपना विरोध जताया। यहां धरने में शामिल ब्रजवासियों ने सीएम योगी के नाम खून से पत्र लिखे। उन्होंने कॉरिडोर नहीं बनाने की मांग की। सेवायतों के परिवार की महिलाओं ने मंदिर के चबूतरे पर प्रदर्शन किया। महिलाओं ने कीर्तन करते हुए बिहारी जी रक्षा करो, स्वामी जी रक्षा करो का उद्घोष किया। यहां लोगों ने मंदिर तक पैदल मार्च निकाला है।

जब कुंज गलियां ही नहीं रहेंगी तो क्या रहेगा वृंदावन का महत्व

स्थानीय निवासियों ने बताया कि वृंदावन की पहचान अन्य तीर्थ स्थलों से अलग है। यहां भगवान कृष्ण और राधा रानी बाल स्वरूप में कुंज गलियों में घूमे हैं। अगर यहां कुंज गलियां ही नहीं रहेंगी तो फिर इस नगरी का महत्व ही क्या रहेगा। इसी विरासत को बचाने के लिए कॉरिडोर का विरोध किया जा रहा है।

प्रस्तावित कोरिडोर का मॉडल

दावा : नए डिजाइन में मूल स्वरूप बरकरार

सीएम योगी के डायरेक्शन पर बांके बिहारी कॉरिडोर के डिजाइन में मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखा गया है। बाहरी परिसर को विस्तारित किया जाना है। नए डिजाइन में बांके बिहारी मंदिर के बाहर द्विस्तरीय क्षेत्र होगा, जो खुला भी होगा और कवर्ड भी। मंदिर के बाहर इस खुले परिसर के बीच में बड़ा फव्वारा होगा, जिसके चारों ओर चार बगीचे होंगे। साथ ही कवर्ड क्षेत्र भी उसी शैली के लाल पत्थरों से बनेंगे, जिस पत्थर से वृंदावन के अधिकांश मंदिर बने हैं। उसी तरह की दीवारें और उसी तरह के गुंबद, फिर पता ही नहीं चलेगा कि नया विकसित क्षेत्र बांके बिहारी मंदिर से अलग है।

क्यों बनाया जा रहा है कोरिडोर

वर्ष 2022 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बांके बिहारी मंदिर में होने वाली मंगला आरती के दौरान अधिक भीड़ होने के चलते दम घुटने से 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 8 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 2 सदस्यीय कमेटी बना दी। हादसे की जांच के साथ श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के बारे में रिपोर्ट मांगी। पूर्व DGP सुलखान सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने यहां श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए कॉरिडोर बनाने की रिपोर्ट दी।

SC 23 जनवरी, जबकि हाईकोर्ट 24 को करेगा सुनवाई
बांके बिहारी मंदिर के आसपास कॉरिडोर बनाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई 24 जनवरी को होगी। इससे ठीक एक दिन पहले यानी 23 जनवरी को इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ सुनवाई करेंगे।
लोगों ने उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मार्थ कार्य विभाग के बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के खिलाफ आपत्तियां की हैं

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