तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु 14वें दलाई लामा बोधगया में एक महीने के प्रवास के बाद 23 जनवरी को दिल्ली होते हुए हिमाचल के धर्मशाला में अपने आधिकारिक निवास पर पहुंचे। दलाई लामा का कोविड काल के बाद यह पहला बोध गया का दौरा था। धर्मशाला पहुंचने पर दलाई लामा ने कहा कि अपने बोधगया दौरे के दौरान उन्होंने कई लोगों से मुलाकात की और हजारों साल पुराना भारत का अहिंसा और करुणा का संदेश लोगों तक पहुंचाया। दलाई लामा ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक और स्थिर देश है यह बहुत अच्छी बात है।
बौद्ध मठ तक सड़क के विभिन्न बिंदुओं पर स्वागत
दलाई लामा के कांगड़ा एयरपोर्ट से निकलने के बाद केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रेजिडेंट पेन्पा छेरिंग और डिप्टी स्पीकर डोलमा छेरिंग ने तिब्बती पारंपरिक तरीके और श्रद्धा के साथ दलाई लामा का स्वागत किया। तिब्बति बौद्ध अनुयायियों, गैर-तिब्बतियों, युवाओं, बौद्ध भिक्षुयों सहित आम लोगों ने सफेद रंग औपचारिक दुपट्टा (खाता) और हाथों में अगरबत्ती लिए हुए दलाई लामा का कांगड़ा एयरपोर्ट से मैक्लोडगंज स्थित चुगलगखंग बौद्ध मठ तक सड़क के विभिन्न बिंदुओं पर स्वागत किया। अपने बोधगया दौरे के दौरान दलाई लामा ने बोधगया में बौद्ध भिक्षुओं को अपनी शिक्षा भी दी और अन्य कई कार्यक्रमों में भी भाग लिया।