माघ मास की हुई शुरुआतः स्नान का है खास महत्व, महाशिवरात्री तक चलेगा

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हर साल माघ मास की शुरुआत पोह पूर्णिमा के बाद होती है। हिंदू धर्म में इस महीने का विशेष महत्व होता है। इस महीने में सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। साथ ही स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। दूसरी ओर, प्रयागराज में माघ स्नान पोह पूर्णिमा से शुरू होता है और महाशिवरात्रि पर समाप्त होता है। इन दिनों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाते हैं। जानिए माघ स्नान का महत्व और महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में। आपको बता दें कि माघ स्नान 6 जनवरी को पोह पूर्णिमा से शुरू हुआ है जो 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ समाप्त होगा।  इसलिए माघ मास का पहला स्नान पर्व पोह पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 को हो चुका है। इसी दिन से औपचारिक रूप से माघ मेला शुरू हो गया है जो महाशिवरात्रि के दिन यानी 18 फरवरी को समाप्त होगा। 

पोह पूर्णिमा 2023 कब से कब तक

माघ मेले की शुरुआत पोह पूर्णिमा से होगी। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 को 02 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 07 जनवरी 2023 को 04 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदय तिथि के अनुसार इस बार पोह पूर्णिमा 06 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।

माघ स्नान में आने वाले प्रमुख स्नान हैं

पोह पूर्णिमा – 6 जनवरी 2023

मकर संक्रांति- 14 या 15 जनवरी 2023

मौनी मास्या – 21 जनवरी 2023

माघी पूर्णिमा – 5 फरवरी 2023

महाशिवरात्रि – 18 फरवरी 2023

पंचांग में मकर सक्रांति का पर्व 15 को

पंचांग के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी को रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं। ऐसे में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। वहीं लोहड़ी का त्योहार एक दिन पहले मनाया जाएगा। लोहड़ी का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 57 मिनट है। परंपरागत रूप से, लोहड़ी का त्योहार नई फसल की कटाई और बुवाई से जुड़ा हुआ है। लोहड़ी की आग में तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि रावी की फसल के रूप में चढ़ाए जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अग्नि देव को धन्यवाद देते हैं, जिससे अच्छी फसल होती है। 

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