हिन्दी पंचांग का दसवां महीना माघ शुरू हो गया है और ये महीना 7 जनवरी से 5 फरवरी तक रहेगा। ये महीना पूजा-पाठ के साथ ही दान-पुण्य और सेहत सुधारने का समय है। इन दिनों में जीवन शैली में किए गए बदलाव से सकारात्मक फल मिलते हैं। माघ मास में तीर्थ दर्शन के साथ ही नदियों में स्नान करने की परंपरा है। अगर नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो अपने घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। ऐसा करने से भी नदी स्नान के समान पुण्य मिल सकता है।
एक निजी अखबार को उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा बताते हैं कि घर पर गंगाजल से स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य जरूर चढ़ाएं। ध्यान रखें अर्घ्य देने के लिए ऐसी जगह का चयन करें, जहां सूर्य को चढ़ाया हुआ जल पर किसी के पैर न लगे। इसके बाद घर के मंदिर में अपने इष्टदेव की पूजा करें, मंत्र जप करें।
वहीं निजी अखबार को पं. शर्मा ने कुंडली के दोष दूर करने के लिए राशि अनुसार पानी में अलग-अलग चीजें मिलाकर स्नान करने के बारे में भी बताया।
मेष और वृश्चिक राशि – इन दोनों राशियों का स्वामी मंगल है। इसलिए इन लोगों को पानी में लाल फूल डालकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद मसूर की दाल का दान करें।
वृषभ और तुला राशि – इन राशियों का स्वामी शुक्र है। इन लोगों को शुक्र के दोष दूर करने के लिए पानी में दूध डालकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद खीर का दान करें।
मिथुन और कन्या – बुध इन राशियों का स्वामी है। ये लोग पानी में बुध ग्रह की चीज यानी गन्ने का थोड़ा सा रस मिलाकर स्नान करें। इसके बाद जरूरतमंद लोगों को हरे मूंग का दान करें।
कर्क – ये चंद्र ग्रह की राशि है। इन लोगों को पानी में थोड़ा सा गाय का दूध मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद जरूरतमंद लोगों को आटे का दान करें।
सिंह – सूर्य ग्रह इस राशि का स्वामी है। इसलिए इन लोगों को सूर्य की चीज यानी थोड़ा सा केसर मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद अनाज का दान करें।
धनु और मीन राशि – इन दो राशियों का स्वामी गुरु है। ये लोग गुरु ग्रह की चीज यानी थोड़ी सी हल्दी मिलाकर स्नान करें। इसके बाद चने की दाल का दान करें।
मकर और कुंभ – ये शनि की राशियाां हैं। इसलिए ये लोग पानी में काले तिल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद तिल के लड्डू का दान करें।