वेटलिफ्टर खुमुकचम संजीता चानू डोप टेस्ट में फेलः NADA ने किसी भी इवेंट में खेलने पर बैन किया

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2 बार की कॉमनवेल्थ गेम्स की मेडलिस्ट वेटलिफ्टर खुमुकचम संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल हो गई है। उनके सैंपल में एनाबोलिक स्टेरॉयड ड्रोस्टानोलोन लेने की दोषी पाई गई हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद चानू से पिछले साल नेशनल गेम्स का मेडल छीन लिया गया है। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने फिलहाल किसी भी इवेंट में उनके खेलने पर बैन कर दिया है। यह बैन सैंपल लेने के दिन से लागू होगा।

गांधीनगर में सिंतबर-अक्टूबर में आयोजित नेशनल गेम्स के दौरान डोप टेस्ट के लिए मणिपुर की संजीता का सैंपल लिया गया था। उनके सैंपल में प्रतिबंधित डोस्टानोलोन मिले थे। चानू ने महिलाओं की 49 KG वेट कैटेगिरी में सिल्वर जीता था, जबकि टोक्यो ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू ने गोल्ड जीता था।

पहले भी फंसी है डोप में, नाडा का डिस्पलीनरी पैनल करेगा जांच

बता दें कि संजीता 2018 में भी डोप टेस्ट में फेल हो चुकी हैं। 2018 में मई में हुए डोप टेस्ट में उनके सैंपल में टेस्टोस्टेरोन पाया गया था। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन से उनको बैन कर दिया गया था। हालांकि, 2020 में इस आरोप से मुक्त हो गई थीं। इंटरनेशनल फेडरेशन ने माना था कि उनके सैंपल से छेड़-छाड़ हुई है। संजीता के मामले की सुनवाई NADA की डिस्पलनरी पैनल करेगा और दोषी पाए जाने पर उन पर 4 साल का प्रतिबंध लग सकता है।

कॉमनवेल्थ गेम्स में 2 गोल्ड जीत चुकी हैं चानू
संजीता 2 बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स-2014 में 48 KG वेट कैटेगरी में पहला गोल्ड में जीता था, जबकि दूसरा गोल्ड उन्होंने 2018 में 53 किलो वेट में जीता था। उन्होंने स्नैच इवेंट में 84 किलो वेट उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड बनाया था।

स्तन कैंसर की मेडिसिन के रूप में होता है ड्रोस्टानोलोन का उपयोग
वर्ल्ड डोपिंग एजेंसी ने एनाबोलिक स्टेरॉयड ड्रोस्टानोलोन को बैन किया हुआ है। US स्थित नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (NLM) के अनुसार, ड्रोस्टानोलोन का इस्तेमाल स्तन कैंसर की मेडिसिन के रूप में किया जाता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने पर खिलाड़ी इसका इस्तेमाल पावर बढ़ाने के लिए करते हैं।

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