पहलवानों और भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष के बीच रविवार को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला खेल मंत्रालय की रोक के चलते लिया गया है। वहीं फेडरेशन के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी खेल मंत्रालय ने सस्पेंड कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, अब 4 हफ्ते तक यह बैठक नहीं होगी। बैठक उत्तर प्रदेश के गोंडा में होटल रॉयल हेरिटेज में होनी थी।
उधर, शनिवार शाम को खेल मंत्रालय ने WFI की सभी एक्टिविटीज को स्थगित कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि WFI को गोंडा (यूपी) में चल रहे रैंकिंग टूर्नामेंट को भी रद्द करना होगा। फेडरेशन के सहायक सचिव विनोद तोमर को अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड किया है। विनोद पर खिलाड़ियों से रिश्वत लेकर करोड़ों की संपत्ति बनाने का आरोप है।
जांच पूरी होने तक अध्यक्ष किसी भी एक्टिविटी में शामिल नहीं होगा
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण शरण पर लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई है और जांच पूरी होने तक उनसे फेडरेशन की एक्टिविटीज में शामिल न होने को कहा गया है। माना जा रहा है कि काउंसिल की बैठक के बाद बृजभूषण शरण सिंह मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखेंगे। शुक्रवार को उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस कैंसिल होने के बाद बेटे प्रतीक भूषण ने कहा था कि 22 जनवरी यानी रविवार को फेडरेशन की बैठक के बाद वह अपना जवाब देंगे।
विनोद बोले-ज्यादातर लोग बृजभूषण के साथ हैं
खेल मंत्रालय की ओर से सस्पेंड किए जाने से पहले तोमर ने शनिवार शाम को कहा था कि फेडरेशन के ज्यादातर लोग बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं और व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे खिलाड़ियों के आरोप सही नहीं लगते। मैं बृजभूषण सिंह के साथ 12 सालों से जुड़ा हुआ हूं, वो ऐसे नहीं हैं। खिलाड़ियों के आरोप निराधार हैं। 3-4 दिन हो गए हैं और उन्होंने अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया है।
फेडरेशन ने कहा- विरोध के पीछे पर्सनल एजेंडा
खेल मंत्रालय के नोटिस का जवाब रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) ने दिया। फेडरेशन की ओर से कहा गया- प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ी अपने निजी हित के लिए WFI को बदनाम कर रहे हैं। विरोध के पीछे उनके पर्सनल एजेंडे हैं। WFI में अध्यक्ष या कोई भी मनमानी नहीं कर सकता है। यहां कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है।
7 घंटे की मीटिंग के बाद खत्म हुआ था धरना
भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का तीन दिन से जारी धरना शुक्रवार देर रात 1 बजे खत्म हो गया। ये फैसला खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पहलवानों के बीच 7 घंटे चली मीटिंग के बाद लिया गया। अनुराग ठाकुर ने बताया एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। यह 4 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी।