हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार पर बड़ा फैसला किया है। सरकार द्वारा भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़ा फैसला लेते हुए 48 नॉन परफॉर्मर और भ्रष्ट कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया है। सीएम ने पिछले 8 वर्षों में 50 से 55 साल की उम्र के 48 अधिकारियों, कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। कुछ कर्मचारियों ने प्री मैच्योर रिटायरमेंट भी ली है।
ये कर्मचारी-अधिकारी शामिल
जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें असिस्टेंट प्रोफेसर, सब इंस्पेक्टर, हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर, इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन ऑफिसर, नायब तहसीलदार, DRO, सुपरवाइजर, मैनेजर, रेजिडेंट ऑडिट ऑफिसर, जूनियर ऑडिटर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डिप्टी इंजीनियर, क्लर्क, असिस्टेंट, हवलदार, पियुन, गोडाउन कीपर आदि पदों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल है।
बाहर करने का ये रहा पैमाना
जिन कर्मचारियों को पिछले आठ सालों में बाहर का रास्ता दिखाया गया है उनके लिए सरकार ने पैमाना तय किया। इन अधिकारियों, कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार में शामिल होने, ड्यूटी से अनुपस्थित रहने, नॉन-परफॉर्मिंग, लापरवाही बरतने और जाली सर्टिफिकेट बनाने आदि कारणों के चलते कार्रवाई की गई है।
मूल्यांकन करती है सरकार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों की परफॉर्मेंस का समय-समय पर मूल्यांकन करती रहती है। सर्विस रिकॉर्ड रिव्यू करने के बाद ईमानदारी से काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाता है तो वहीं नॉन परफॉर्मर कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद शासन प्रणाली को पहले से और बेहतर बनाने का है।