मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेशवासियों को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि अब अनाथ बच्चों का जीवन बेहतर बनाने के लिए 101 करोड़ रुपए का मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष स्थापित करने का फैसला किया है। आज सरकार को बने हुए 21 दिन हो गए हैं। सरकार ने सजगता दिखाई है। सीएम पद की शपथ लेने के बाद वह सचिवालय नहीं बालिका आश्रम गए। वह आश्रम अच्छे से चल रहा था। बच्चों से सीखा। जिनका कोई नहीं है। वे किस प्रकार से जीवन जी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शपथ लेने से पहले वह सचिवालय नहीं गए, बल्कि बालिका आश्रम टूटीकंडी गए। बाद में मशोबरा चाइल्ड होम और वृद्धाश्रम गए। वहां से उनके मन में कुछ करने का विचार आया।
सीएम ने कहा कि किसी भी बच्चों के पंजीकरण से पहले उनकी आय नहीं पूछी जाएगी। प्रदेश में लगभग 6 हजार बच्चे हैं, जिनके मां-बाप नहीं हैं। चाहे वे आश्रम में रह रहे हों या किसी रिश्तेदार के पास रह रहे हो। इसी तरह बुजुर्गों और महिलाओं को भी सरकार इस योजना से फेस्लिटेट करेगी। यह योजना करुणा नहीं बल्कि उनका अधिकार है। सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि सरकार सभी फेस्टिवल पर 500-500 रुपए की प्रोत्साहन ग्रांट बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों को प्रदान करेगी। इसकी शुरुआत 13 जनवरी को लोहड़ी से की जाएगी
कांग्रेस के सभी विधायक एक-एक लाख रुपए दान करेंगे
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने प्रदेश के बच्चों को नए साल का तोहफा दिया है। उन्होंने अनाथ बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए 101 करोड़ रुपए का ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसमें CM, विधायक, ब्यूरोक्रेट्स, बड़ी कंपनियों द्वारा दान दिया जाएगा। कांग्रेस के सभी विधायक भी एक-एक लाख रुपए दान करेंगे। BJP के विधायकों से भी दान देने का आग्रह मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा किया जाएगा।
अनाथ बच्चों की मां और पिता दोनों ही हमारी सरकारःसीएम
सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि हमारी सरकार ही अनाथ बच्चों की माता है, सरकार ही पिता है। जिस तरह हम अपने घर पर अपने बच्चों की देख-रेख, पढ़ाई व जेब खर्च देते हैं, ठीक वैसे ही सरकार अनाथ बच्चों को अपना बेटा-बेटी मानकर सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इंजीनियरिंग, IIT, IIM, BBA, MBA जैसे पाठ्यक्रमों में बच्चों की पढ़ाई कराएगी। इसका सारा खर्च सरकार उठाएगी। अनाथ बच्चों को घूमने का मौका और जेब खर्च का पैसा भी सरकार देगी।