हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने फोरेस्ट कंजरवेशन एक्ट (FCA) की मंजूरी के मामलों में देरी पर चिंता जताई। वह इस मामले में फॉरेस्ट महकमे के अफसरों की वर्किंग से नाखुश नजर आए। वन विभाग के अफसरों की बैठक में CM ने FCA से जुड़े केस तय समय में निपटाने के लिए मैकेनिज्म बनाने के आदेश दिए। दरअसल FCA की मंजूरी मिलने में होने वाली देरी के चलते कई काम शुरू होने में ही चार से पांच साल लग जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कालेज, पर्यटन परियोजनाओं, शैक्षणिक संस्थानों, सड़कों और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन के निर्माण सहित अन्य मामलों में FCA मंजूरी के लिए समय सीमा का पालन होना चाहिए। प्रदेश सरकार विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलित दृष्टिकोण अपना कर राज्य में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी।
नोडल अधिकारी लगाकर जल्द ली जाए FCA
CM ने कहा कि FCA मंजूरी में अनावश्यक विलम्ब नहीं होना चाहिए। अधिकारियों को इस प्रक्रिया में तेजी लानी होगी। जहां FCA आवश्यक है, वहां सम्बन्धित विभाग एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा, जबकि सम्बन्धित मंडल के DFO परियोजनाओं के विलम्ब से बचने के लिए समयबद्ध तरीके से सहयोग करना सुनिश्चित करेंगे।
PWD से निर्माण कार्य करवाने के निर्देश
CM ने भविष्य में वन विभाग के सभी निर्माण कार्यों को PWD तथा अन्य निष्पादन एजेंसियों के माध्यम से करवाने के निर्देश दिए। पर्यावरण संरक्षण पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन चिंता का विषय है। इसलिए वन विभाग को पौध रोपण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
बैठक में मंत्री भी मौजूद
इस दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, प्रधान सचिव विधि राजीव भारद्वाज, CM के OSD गोपाल शर्मा, विशेष सचिव सीपी वर्मा, PCC (हॉफ) अजय श्रीवास्तव, PCCF (वन्य जीव) राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैम्पा नागेश कुमार, APCCF (फाइनेंस) एसके काप्टा इत्यादि मौजूद रहे।