PHD करने के लिए स्कूल लेक्चरर्स को एचपीयू ने दी एंट्रेंस टेस्ट देने की छूट

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हिमाचल में अब स्कूल लेक्चरर भी PHD में एनरोल होने के लिए एंट्रेंस टेस्ट दे सकेंगे। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने नए नियमों के तहत कॉलेज के बाद स्कूल लेक्चररों को भी यह सुविधा दी है। इसके लिए नेट क्वालिफाई होना जरूरी नहीं होगा। PG डिग्री वाले स्कूल लेक्चरर PHD का एंट्रेंस टेस्ट क्वालिफाई करके एडमिशन ले सकेंगे। एक निजी अखबार में छपी इस खबर के मुताबिक- HPU के नए नियमों में जहां स्कूल लेक्चरर्स टेस्ट दे सकेंगे, वहीं कॉलेज के टीचर अब गाइड भी बन सकते हैं। वे अपने तहत 8 रिसर्च स्कॉलर को एनरोल करके उनसे PHD करवा सकते हैं। पहले सिर्फ हिमाचल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ही छात्रों को PHD करवाने के लिए पात्र थे।

कॉलेज टीचरों व स्कूल लेक्चररों को राहत

हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की ओर से PHD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए नए नियम बनाए गए हैं, जिसमें कॉलेज टीचरों और स्कूल लेक्चररों को राहत दी गई है। PHD में दाखिले के लिए 80 नंबर प्रवेश परीक्षा के, 20 नंबर नेट, JRF और MPHIL के चाहिए। ऐसे में अब कोई भी स्कूल लेक्चरर PHD कर सकेगा।

HPU में PHD एडमिशन को लेकर हुआ था विवाद
HPU में PHD को लेकर विवाद हुआ था। पूर्व वीसी प्रो. सिकंदर कुमार के कार्यकाल में HPU के अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों को बिना प्रवेश परीक्षा कोर्स में दाखिला दे दिया गया था। ऐसे में अब तय हुआ है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी में शिक्षकों से भरी जाने वाली सीटों पर तभी प्रवेश मिलेगा, जब विभाग में सीट खाली होगी। वहीं स्कूल लेक्चररों को एंट्रेंस बेस पर एडमिशन दिया जाएगा।

कॉलेज और स्कूल लेक्चरर भी अब एंट्रेंस दे सकेंगे: VC
यूनिवर्सिटी के VC प्रो. एसपी बंसल का कहना है कि अब स्कूल लेक्चरर भी एंट्रेंस आधार पर PHD में एडमिशन ले सकेंगे। इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। यूजीसी नियमों के तहत यह एडमिशन होगा।

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