बम निरोधक टीम ने तरतारन में लोडेड RPG डिफ्यूज किया

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पंजाब पुलिस द्वारा कल के सरहाली रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले की आगे की जांच में एक सब-मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। मंगलवार को गिरफ्तार किए गए तीन लोगों के कब्जे से एक रॉकेट लॉन्चर के साथ एक लोडेड आरपीजी बरामद किया गया। पुलिस ने तीन संचालकों को भी गिरफ्तार किया है। आज इस आरपीजी को तरनतारन में डिफ्यूज कर दिया गया है। बम निरोधक दस्ते ने आरपीजी को निष्क्रिय कर दिया है।

डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने गिरफ्तार लोगों की पहचान तरनतारन के चंबल गांव निवासी कुलबीर सिंह, हीरा सिंह और दविंदर सिंह के रूप में की है। पुलिस ने आरोपी यादविंदर सिंह के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है। डीजीपी ने कहा, “उपयोग के लिए तैयार नए आरपीजी की बरामदगी के साथ, पंजाब पुलिस ने राज्य की शांति और सद्भाव को भंग करने के उद्देश्य से एक और संभावित आतंकी हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया है।”

यह घटनाक्रम 9 दिसंबर की रात 11 बजकर 18 मिनट पर तरनतारन के सिरहाली पुलिस थाना परिसर में आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले कानून का उल्लंघन करने वाले दो नाबालिगों समेत सात लोगों की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद आया है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि एक खुफिया अभियान के दौरान तरनतारन पुलिस ने पुल बिलियांवाला में सरहाली आरपीजी हमले के सिलसिले में बाइक सवार दो व्यक्तियों की पहचान कुलबीर सिंह और हीरा सिंह के रूप में की है।

इस संबंध में और जानकारी देते हुए एसएसपी तरनतारन गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने यादविंदर सिंह जोकि मौजूदा समय में मनीला, फिलिपींस का रहने वाला था, के निर्देशों पर थाना सरहाली में हुए आरपीजी हमले वाले दिन एक लोडेड आरपीजी मुहैया करवाया था। उसने बताया कि दोषी यादविदंर ने नाबालिग को दिखाने के लिए आरपीजी हमला करने के बारे में ट्यूटोरियल वीडियो भी भेजा था, जिन्होंने पुलिस पर आरपीजी गोलीबारी की थी।

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