रेत माफियाओं पर नकेलः पंजाब सरकार ने रेत और बजरी की ढुलाई का खर्चा किया तय

0
57
पंजाब सरकार ने रेत माफियाओं पर नकेल कसने के लिए रेत और बजरी की ढुलाई का खर्चा तय कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब ट्रांसपोर्टर रेत व बजरी के परिवहन में मनमाना रेट नहीं वसूल सकेंगे। परिवहन विभाग ने रेत व बजरी परिवहन के रेट तय करने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है। बता दें कि पंजाब में रेत माफिया पर लगाम कसने के लिए भगवंत मान सरकार ने यह अहम कदम उठाया है। इस बारे में संबंधित विभाग के मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सारी जानकारी दी है। रेत व बजरी के परिवहन में ट्रांसपोर्टर मनमर्जी के रेट नहीं वसूल सकेंगे। सरकार के इस कदम से न केवल रेत माफिया पर लगाम लगेगी बल्कि पंजाब के लोगों को सस्ती दर पर रेत और बजरी मुहैया कराई जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवहन विभाग ने रेत और बजरी के परिवहन की दर तय करने के लिए नोटिफिकेशन भी  जारी कर दिया है। पंजाब सरकार जिन खदानों से रेत टेक्स सहित 9.34 रुपए प्रति घन फुट दे रही थी, उससे लोगों को 32 से 35 रुपये प्रति घन फुट मिलता था। खनन विभाग का मानना ​​है कि रेत और बजरी में सबसे ज्यादा नुकसान परिवहन से होता है, इसलिए इस समस्या का यह नया समाधान ढूंढा गया है।

दो किमी तक परिवहन के लिए ट्रांसपोर्टर को 84.92 रुपए प्रति मीट्रिक टन से होगा भुगतान

 नोटिफिकेशन के अनुसार, दो किलोमीटर तक रेत और बजरी के परिवहन के लिए ट्रांसपोर्टर को 84.92 रुपए प्रति मीट्रिक टन और 50 किलोमीटर की दूरी के लिए 349.82 रुपए प्रति टन की दर से भुगतान किया जाएगा। इसी तरह 100 किलोमीटर की दूरी का किराया 467.95 रुपए प्रति टन और 150 किलोमीटर की दूरी का किराया 526.19 रुपए प्रति टन निर्धारित किया गया है। इसके अलावा 200 किलोमीटर की दूरी के लिए 579.78 रुपए प्रति टन रेट तय किया गया है। ट्रांसपोर्टर को 300 किलोमीटर की दूरी के लिए 686.96 रुपए प्रति टन किराया मिलेगा। ट्रांसपोर्टरों को खनन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों में टिप्पर, ट्रक और ट्रॉली शामिल हैं।

पंजाब में 6100 टिप्पर

सूत्रों के मुताबिक पंजाब में करीब 6100 टिप्पर हैं। खनन विभाग द्वारा कैब की तर्ज पर एक ऐप बनाया गया है, जिस पर कोई भी ग्राहक रेत-बजरी ऑनलाइन मंगवा सकेगा। पंजीकृत ट्रक या टिप्पर जो उस समय मौके पर उपलब्ध होगा उसे आर्डर दिया जाएगा। पंजाब सरकार के लिए यह काम आसान नहीं लग रहा है क्योंकि ट्रांसपोर्टर भी इस फैसले का विरोध कर सकते हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार ट्रांसपोर्ट माफिया की लूट बंद करने के लिए फैसले से पीछे नहीं हटेगी। अब इस किराए को लागू करना बड़ी चुनौती होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here