पंजाब में गैंगस्टर्स और आतंकवादियों का खौफ लगातार बना हुआ है। वहीं 26 जनवरी को लेकर भी पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) के पास इनपुट्स आए हैं कि पंजाब में बब्बर खालसा इंटरनेशनल नामक प्रतिबंधित आतंकी संगठन आतंकी वारदातों को अंजाम दे सकता है। ऐसे में सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एमेंडमेंट ऑर्डिनेंस, 2004 की सेक्शन 17,19, 20, IPC की सेक्शन 120 बी तथा आर्म्स एक्ट की सेक्शन 25 के तहत एक केस दर्ज किया है।
26 जनवरी को लेकर बढ़ाई सुरक्षा
पंजाब के DGP के आदेशों पर ऑपरेशन ईगल-2 शुरू किया गया है। इसके तहत मोहाली जिले में आपराधिक तत्वों पर शिकंजा कसा जा रहा है। नाकेबंदी, पेट्रोलिंग की जा रही है। वहीं बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन एवं अन्य भीड़ वाली जगहों पर चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस सुरक्षा जांच को 26 जनवरी को लेकर काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।

एफआईआर दर्ज संदिग्धों में जग्गू भगवानपुरिया भी
जिन संदिग्धों पर FIR दर्ज की गई है उनमें पंजाब की जेल में कैद गुरदासपुर के बटाला का निवासी जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया का भी नाम है। वहीं अन्य संदिग्धों में कपूरथला का अमृतपाल सिंह उर्फ अमृत बल, पटियाला का प्रकट सिंह, अमृतसर के तलवंडी निवासी दरमनजोत सिंह उर्फ दरमन काहलों, मोहाली के मटौर निवासी परमजीत सिंह उर्फ पम्मा शामिल है।
पंजाब में टारगेट किलिंग की प्लानिंग
जानकारी के मुताबिक संदिग्धों के मंसूबे पंजाब समेत पूरे भारत में टारगेट किलिंग और अन्य हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर दहशत पैदा करना है। इस काम को अंजाम देने के लिए जग्गू भगवानपुरिया और प्रकट सिंह युवकों और हथियारों की सप्लाई में लगे हैं। इनकी मदद अमृत बल और दरमन काहलों कर रहे हैं। यह पंजाब में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।
SSCO ने 3 दबोचे
SSOC ने हाल ही में अमृतसर के युवराज सिंह, तरनतारन के निशान सिंह और लुधियाना के जसपाल सिंह को गिरफ्तार किया था। युवराज और निशान सिंह को मोहाली फेज 6 के दारा स्टूडियो के पास से हथियारों समेत पकड़ा गया था। इनसे पूछताछ पर जसपाल की गिरफ्तारी हुई थी। अमृतपाल गैंगस्टर लखबीर सिंह लंडा और गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का साथी है। मोहाली के एक लीडर की हत्या की प्लानिंग करने के मामले में इनकी गिरफ्तारी की गई थी।
आप्रेशन ईगल-2’ में 91 संदिग्धों को हिरासत में लिया
पंजाब पुलिस के ए.डी.जी.पी. (कानून व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि ‘आप्रेशन ईगल-2’ में 91 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया और 76 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 315 पैट्रोलिंग पार्टियों को संदिग्ध व्यक्तियों का पता लगाने के लिए फील्ड में भेजा गया तथा 462 हाईटैक नाके राज्यभर में लगाए गए जिसमें 5000 पुलिस कर्मचारी शामिल हुए। 281 रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों की विभिन्न पुलिस टीमों ने चैकिंग की जिनका नेतृत्व एसपी रैंक के पुलिस अधिकारी ने किया। 11,939 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की तथा बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों के निकट स्थित 895 होटलों तथा सरायों की चैकिंग की।
अर्पित शुक्ला जो स्वयं एसएसपी विवेकशील सोनी के साथ रूपनगर में आप्रेशन का निरीक्षण करने के लिए गए थे, ने बताया कि सभी पुलिस कमिश्नरों तथा एसएसपीज को कहा गया था कि वे आप्रेशन में अधिक से अधिक संख्या में अधिकारियों तथा जवानों को जिलों व शहरों को सील करने के लिए मजबूती से नाकों पर तैनात करें जिनका निरीक्षण गैजेटेड अधिकारी द्वारा किया गया।