पंजाब में फिरोजपुर के जीरा स्थित मार्लबोरो शराब फैक्ट्री को CM भगवंत मान के आदेश पर तत्काल प्रभाव से बंद करने के फैसले से मामला गरमा गया है। CM ने पर्यावरण से खिलवाड़ को रोकने के लिए यह फैसला लेना बताया है। जबकि शराब फैक्ट्री का यह मामला पहले से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसे लेकर विपक्षी दलों ने सीएम पर निशाना साधा है। उनका कहना कि मामला हाईकोर्ट में हैं और मान ने फैक्ट्री बंद करने का फैसला जल्दबाजी में लिया है।
हाईकोर्ट में मामला होने के बावजूद इसके CM मान ने स्वयं अपने स्तर पर फैक्ट्री बंद करने का फैसला ले लिया। कानूनन यदि कोई मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन होता है तो कोर्ट का फैसला आने तक कोई जांच एजेंसी या सरकार स्वयं निर्णायक नहीं बन सकती।
सरकार ने गठित की थी कमेटी
इससे पहले राज्य सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मामले में हुई सुनवाई के दौरान पानी और अन्य प्रकार के सैंपल की जांच के लिए राज्य के सभी एक्सपर्ट्स की कमेटी गठित की बात कही थी। लेकिन कमेटी की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने से पहले ही CM मान ने अपने स्तर पर ही फैक्ट्री बंद करने का फैसला ले लिया। स्पष्ट है कि अब फैक्ट्री मालिक के पास राज्य सरकार की मनमानी के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का रास्ता है
हाईकोर्ट पंजाब सरकार को लगा चुका 20 करोड़ का जुर्माना
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा प्रदर्शनकारियों को फैक्ट्री गेट के पास से नहीं उठाने पर पंजाब सरकार को 20 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। जीरा के आसपास के करीब 40 गांव के लोगों और किसानों ने शराब फैक्ट्री के बाहर पक्का मोर्चा लगाया हुआ है। जबकि हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को फैक्ट्री से 300 मीटर दूर करने के आदेश जारी किए हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर उठाया धरना
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस फैक्ट्री गेट के पास लगे स्थानीय लोग और किसान संगठनों के एक धरने को उठा चुकी है, लेकिन फैक्ट्री के मुख्य गेट की ओर किसान संगठन 24 जुलाई 2022 से धरने पर बैठे हैं। किसानों के अनुसार पेयजल जहरीला हो चुका है और अन्य कई गंभीर बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। पुलिस कार्रवाई को रोकने के प्रयास के आरोप में करीब एक हजार किसानों पर केस भी दर्ज करने के साथ विरोध प्रदर्शन करने वाले कई किसानों को अरेस्ट भी किया जा चुका है।
कंपनी ने हाईकोर्ट में रख अपना पक्ष
शराब फैक्ट्री चला रही कंपनी ने हाईकोर्ट में यूनिट स्थापित करने समेत बाजार से लिए गए कर्ज और प्रति माह किस्त के अलावा कंपनी संचालन पर करोड़ों रुपए का खर्च आने की बात कही है। कंपनी ने हाईकोर्ट में किसानों के विरोध प्रदर्शन से उसे करोड़ों रुपए का नुकसान होने की बात कही है।
लोगों की अलग-अलग राए
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि CM भगवंत मान ने जालंधर के उपचुनाव के मद्देनजर जीरा शराब फैक्ट्री बंद करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यदि मान ने किसानों का साथ देना होता तो फैसला काफी पहले ही ले लिया जाता। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने इसे अधूरी जीत बताया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलदेव सिंह जीरा ने बताया कि CM मान ने कहा है कि यह मामला अदालत में जाएगा। इस कारण सभी जत्थेबंदियों के नेता बैठक कर अगला फैसला लेंगे।