डॉक्टर्स की खराब हैंडराइटिंग से परेशानः अब स्मार्ट फोन पर पढ़ सकेंगे स्लिप को

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डॉक्टर्स की खराब हैंडराइटिंग के परेशान हों तो अब गूगल इस समस्या का समाधान निकाल रहा है। यानि स्मार्ट फोन पर डाक्टरों की गंदी हैंडराइटिंग वाली स्लिप को पढ़ा जा सकेगा। गूगल (Google) ने भारत में अपने सबसे बड़े इवेंट गूगल फॉर इंडिया 2022 में कई नए फीचर्स और प्रोडक्ट की घोषणा की। गूगल ने कहा कि कंपनी जल्द एक नए फीचर को जारी करने वाली है, जिसकी मदद से डॉक्टर्स की खराब हैंडराइटिंग को भी स्मार्टफोन की मदद से पढ़ा जा सकेगा। कंपनी के अनुसार, वह डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग को डिकोड करने वाली नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है और इसे जल्द रोलआउट किया जाएगा। बता दें कि गूगल ने इस इवेंट में प्रोजेक्ट वाणी को भी जल्द पेश करने की घोषणा की है।

गूगल लेंस की मदद से होगा डिकोड

दरअसल, कंपनी गूगल लेंस की मदद से डॉक्टर्स की खराब हैंडराइटिंग को डिकोड करना सक्षम बनाने वाली है। यानी सिर्फ स्मार्टफोन से डॉक्टर की लिखी हुई पर्ची की फोटो लेनी होगी या उसे स्कैन करना होगा और गूगल लेंस उसे साफ शब्दों में यूजर के सामने डिस्प्ले कर देगा। सिर्फ इतना ही नहीं आप इसे शेयर भी कर सकेंगे। हालांकि, अब तक कंपनी ने इस फीचर्स को रोलआउट करने की तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। गूगल ने यह भी कहा कि गूगल लेंस का इस्तेमाल करने वालों में भारतीय यूजर्स सबसे ज्यादा हैं। 

गूगल ट्रांसलेट फीचर के तहत ही करेगा काम

गूगल का नया फीचर गूगल ट्रांसलेट फीचर की तहत ही काम करने वाला है, जिसमें किसी भी शब्द को दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करने के लिए फोटो कैप्चर करके और गूगल लेंस (Google Lens) की मदद से स्कैन करके भी ट्रांसलेट किया जा सकता है। यानी आपके फोन का कैमरा ही शब्दों को ट्रांसलेट करने के लिए उपयोगी हो जाता है। गूगल यूजर्स को लाइव ट्रांसलेट का ऑप्शन भी देता है। सीधे शब्दों में कहें तो डॉक्टर्स का पर्चा पढ़ने के लिए आपको अपने स्मार्टफोन में गूगल लेंस ओपन करना होगा और कैमरे की मदद से आप पर्चा आसानी से पढ़ पाएंगे। 

गूगल वॉयस कमांड को बेहतर करने के लिए प्रोजैक्ट वाणी

गूगल ने आर्टिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से एक AI/ML मॉडल बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए कंपनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के साथ पार्टनरशिप भी की है। इस प्रोजेक्ट को ‘प्रोजैक्ट वाणी’ नाम दिया गया है। प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को एकत्रित करके ट्रांसक्राइब किया जाएगा। कंपनी इसके लिए भारत के 773 जिलों से भाषा के ओपन-सोर्स सैंपल स्टोर करेगी। प्रोजेक्ट वाणी की मदद से भारत में गूगल वॉइस कमांड को बेहतर किया जा सकेगा, साथ ही भाषा को ट्रांसलेट करने में भी मदद मिलेगी। 

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