कोरोना को लेकर अगर आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अगले 40 दिन भारत के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं क्योंकि जनवरी में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। भारत में एक बार फिर कोरोना मामलों में इजाफे का दावा पिछले ट्रेंड्स को देखते हुए किया जा रहा है। ऐसा देखा गया है कि ईस्ट एशिया को प्रभावित करने के 30 से 35 दिनों बाद ही भारत में कोविड-19 की नई लहर पहुंची थी। इसलिए यह एक ट्रेंड बन गया है, जिसके आधार पर ही यह दावा किया जा रहा है।
इस बार संक्रमण ज्यादा गंभीर नहींः स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सूत्र ने एक निजी चैनल को बताया कि चीन में आई कोविड लहर का कारण ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बीएफ.7 है। यह सब वैरिएंट काफी तेजी के साथ संक्रमण फैलाता है और एक समय पर 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस बार कोरोना का संक्रमण लोगों के लिए ज्यादा गंभीर नहीं है। ऐसे में अगर कोई लहर आती भी है तो मरीजों की मौतें और उनके अस्पताल में एडमिट होने की संख्या काफी कम रहेगी। वहीं कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 पर दवाई और वैक्सीन कितनी असरदार है, स्वास्थ्य मंत्रालय इसको लेकर स्टडी कर रहा है। पिछले दो से तीन दिनों मे 6 हजार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच की जा चुकी है, जिनमें 39 अंतराष्ट्रीय यात्री कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, इसी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचकर जानकारी हासिल करेंगे।
बुधवार को भारत में 188 नए मामले
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में बुधवार को कोरोना के 188 नए मामले देखने को मिले, जिसके बाद कुल कोरोना मामलों की एक्टिव संख्या बढ़कर 3 हजार 468 पहुंच गई है। मौजूदा समय में भारत में डेली पॉजिटिविटी रेट 0.14 फीसदी जबकि साप्ताहिक 0.18 फीसदी है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
कैलिफोर्निया बेस्ड स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, चीन में जिस बीएफ.7 वैरिएंट ने हाहाकार मचाया है, ऐसे जेनेटिक्स वाला वैरिएंट फरवरी 2021 के बाद से ही 90 देशों में सामने आ चुका है। यह ओमिक्रॉन के बीए.5 सब वैरिएंट ग्रुप का एक हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण भारत की अधिकतर आबादी के पास डबल इम्यूनिटी का होना है, डबल यानी एक नेचुरल इम्यूनिटी और एक जो वैक्सीन के बाद इम्यूनिटी लोगों के शरीर में बन गई है।